कोलेस्ट्रोल(Cholesterol) कारण लक्षण व इलाज



आजकल हमारी जीवनशैली इतनी ज्यादा बदल गई है, कि हम अपने खान पान पर ध्यान ही नहीं देते है, और शरीर में कोलेस्ट्रोल की मात्रा बढ़ जाती है| कोलेस्ट्रोल एक बहुत आम समस्या है और ये हमारे देश में बहुतो को अपनी चपेट में लिए हुए है| 

कोलेस्ट्रोल क्या है ? (What is Cholesterol )

 शरीर में लिवर द्वारा निर्मित मोम या वसा जैसे पदार्थ को ही कोलेस्ट्रॉल (cholesterol) या लिपिड (lipid) कहते हैं. अलग-अलग तरह की विभिन्न शारीरिक क्रियाओं को संपन्न करने के लिए उचित मात्रा में कोलेस्ट्रॉल का शरीर में होना अनिवार्य है. कोशिका झिल्ली, विटामिन डी, पाचन और कई तरह के हार्मोन जैसे- एस्ट्रोजेन, प्रोजेस्टेरॉन, टेस्टोस्टेरॉन, कोर्टिसोल और एल्डोस्टेरॉन के निर्माण के लिए कोलेस्ट्रॉल की जरूरत होती है. इसके अलावा बाइल सॉल्ट (पित्त लवण) में भी कोलेस्ट्रॉल मौजूद रहता है जो फैट को सही तरीके से पचाने में मदद करता है. साथ ही कोलेस्ट्रॉल विटामिन ए, डी, ई और के को शरीर में अवशोषित करने में भी मदद करता है. सूर्य की रोशनी की मौजूदगी में शरीर में कोलेस्ट्रॉल की मदद से ही विटामिन डी का उत्पादन होता है.
 
 
कोलेस्ट्रोल बढ़ने का कारण (High Cholesterol Reasons)–
अनुवांशिक
सिगरेट शराब का अधिक सेवन करना
उम्र के अनुसार
शारीरिक कार्य जैसे व्यायाम चहलकदमी का आभाव
वसा युक्त भोजन का अधिक सेवन
फ़ास्ट फ़ूड का अधिक सेवन

कोलेस्ट्रोल के लक्षण (High Cholesterol Lakshan / Symtoms)
वैसे इसके लिए आपको कुछ खास लक्षण अपने शरीर में समझ नहीं आयेंगे, लेकिन इसके होने से दूसरी बीमारी होने के चांस बढ़ जाते है| कोलेस्ट्रोल बढ़ने से आपको
हाई ब्लडप्रेशर
हार्ट अटैक
डायबटिक
का खतरा बढ़ जाता है| डॉक्टर सलाह देते है कि 20 साल की उम्र के बाद से हमें हर पांच साल में कोलेस्ट्रोल की जांच कराना चाहिए| इसके लिए आपको अपना ब्लड टेस्ट करवाना होगा|


कोलेस्ट्रोल के प्रकार (Type of Cholesterol) –

 1. हाई डेंसिटी लिपोप्रोटीन (एचडीएल) कोलेस्ट्रॉल

इस प्रकार के लिपोप्रोटीन में फैट की तुलना में प्रोटीन अधिक होता है. इसे गुड या अच्छा कोलेस्ट्रॉल कहा जाता है. एचडीएल कोलेस्ट्रॉल का उच्च स्तर आपके हृदय के लिए फायदेमंद और सुरक्षात्मक असर के रूप में देखने को मिलता है. शरीर में एचडीएल कोलेस्ट्रॉल अधिक हो तो हृदय संबंधी बीमारियां होने का खतरा कम रहता है.

2. लो डेंसिटी लिपोप्रोटीन (एलडीएल) कोलेस्ट्रॉल

इस लिपोप्रोटीन में प्रोटीन की तुलना में फैट की मात्रा अधिक होती है और इसलिए इसे बैड या खराब कोलेस्ट्रॉल के रूप में जाना जाता है. अगर शरीर में एलडीएल कोलेस्ट्रॉल का स्तर अधिक हो जाए तो हृदय रोग का खतरा बढ़ जाता है. बैड कोलेस्ट्रॉल की अधिकता के कारण सीने में दर्द, हार्ट अटैक, स्ट्रोक या डायबिटीज होने का जोखिम बढ़ जाता है.

एचडीएल और एलडीएल के कार्य

चूंकि एचडीएल या गुड कोलेस्ट्रॉल का ज्यादातर हिस्सा प्रोटीन से बना होता है इसलिए शरीर की विभिन्न कोशिकाओं से कोलेस्ट्रॉल को लेना और उसे नष्ट करने के लिए लिवर के पास ले जाने का मुख्य कार्य गुड कोलेस्ट्रॉल करता है. इस प्रक्रिया के तहत शरीर से कोलेस्ट्रॉल की सफाई होती है. जैसा कि पहले ही बताया जा चुका है कि अगर शरीर में गुड कोलेस्ट्रॉल का उच्च स्तर बना रहे तो शरीर को हृदय रोग से सुरक्षा मिलती है और अगर गुड कोलेस्ट्रॉल का स्तर कम हो जाए तो कोरोनरी आर्टरी डिजीज होने का खतरा बढ़ जाता है.

वहीं, दूसरी तरफ एलडीएल या बैड कोलेस्ट्रोल का सिर्फ एक चौथाई हिस्सा ही प्रोटीन होता है और बाकी सारा फैट. वैसे तो यह क्षतिग्रस्त कोशिकाओं की मरम्मत में मदद करता है लेकिन अगर शरीर में इसका स्तर बढ़ जाए तो यह रक्त धमनियों की अंदरूनी दीवारों मे जमा होने लगता है जिससे धमनियां संकुचित होने लगती हैं और पर्याप्त रक्त प्रवाह में मुश्किल पैदा होती है जिससे हृदय रोग और स्ट्रोक का खतरा बढ़ जाता है. 
  

 
इन चीजों को खाएं, Bad Cholesterol को दूर भगाएं
 
हम आज आपको बता रहे हैं कुछ ऐसी चीजों के बारे में जिनका सेवन करने से आपका बैड कलेस्ट्रॉल कम हो सकता है: 

 1.ऑलिव ऑयल

कलेस्ट्रॉल सबसे ज्यादा तेल की वजह से बढ़ता है। ऑलिव ऑयल के इस्तेमाल से सामान्य तेल की अपेक्षा 8 प्रतिशत तक कलेस्ट्रॉल कम किया जा सकता है।

2. ओट्स
ओट्स में फाइबर पर्याप्त मात्रा में पाया जाता है और इसमें बीटा ग्लूकॉन भी होता है जो आंतों की सफाई करता है और कब्ज से राहत दिलाता है। नियमित तौर पर नाश्ते में ओट्स खाने से शरीर में कलेस्ट्रॉल को लगभग 6 प्रतिशत तक कम किया जा सकता है।

3. मछली
मछली में ओमेगा 3 फैटी ऐसिड पाया जाता है। स्वस्थ रहने के लिए सप्ताह में दो बार स्टीम्ड या ग्रिल्ड मछली खा सकते हैं।

4. अलसी
अलसी के बीज कलेस्ट्रॉल को कम करने में काफी मददगार होते हैं। बेहतर होगा कि आप साबुत बीज की जगह पर पिसे हुए बीज का सेवन करें।

5. ग्रीन टी
ग्रीन टी कलेस्ट्रॉल को कम करने में काफी सहायक होती है।

6. धनिया के बीज
धनिया की बीजों के पाउडर को एक कप पानी में उबालकर दिन में दो बार पीने से भी कलेस्ट्रॉल कम होता है।

7. प्याज
हाई कलेस्ट्रॉल को नियंत्रित करने में लाल प्याज काफी फायदेमंद होता है। एक चम्मच प्याज के रस में एक चम्मच शहद मिलाकर सेवन करें।

8. आंवला
एक चम्मच सूखे आंवला के पाउडर को एक गिलास गर्म पानी में मिलाकर सुबह-सुबह पीने से कलेस्ट्रॉल कम होता है।

9. सेब का सिरका
सेब का सिरका हमारे शरीर के टोटल कलेस्ट्रॉल और ट्राइग्लिसराइड के लेवल को कम करता है।

10. संतरे का जूस
हाई कलेस्ट्रॉल को प्राकृतिक रूप से कम करने के लिए नियमित तौर पर तीन कप संतरे के जूस पिएं।

11. अखरोट
सुबह उठकर 2-3 अखरोट नियमित तौर पर खाने से कलेस्ट्रॉल पर नियंत्रण पाया जा सकता है।

12. बादाम
4-5 बादाम रोज खाने से भी कलेस्ट्रॉल कम होता है। बेहतर होगा कि शाम को बादाम भिगो दें और सुबह उनका सेवन करें।

13. अंकुरित दालें
राजमा, चने, मूंग, सोयाबीन और उड़द इत्यादि को अंकुरित कर सलाद के तौर पर इस्तेमाल करें तो भी कलेस्ट्रॉल कम होगा।

14. डार्क चॉकलेट
डार्क चॉकलेट में पाए जाने वाले एंटी-ऑक्सीडेंट्स से रक्त नलिकाएं मजबूत बनती हैं। इसका सेवन करने से भी कलेस्ट्रॉल कम हो सकता है।

15. हरी पत्तेदार सब्जियां
हरी पत्तेदार सब्जियों में विटामिन ए,बी और सी के अलावा आयरन और कैल्शियम भी पाया जाता है। इनका सेवन करने से कलेस्ट्रॉल कम होता है।

16. लहसुन
लहसुन का नियमित सेवन करके भी बैड कलेस्ट्रॉल को कम किया जा सकता है।

17. चोकर वाली रोटी
बिना चोकर अलग किए गए आटे से बनाई गईं रोटी से भी आप अपना कलेस्ट्रॉल कम कर सकते हैं।

18. सोयाबीन
सोयाबीन से बनी चीजें जैसे सोया मिल्क, सोया दही, सोया टोफू, सोया चंक्स आदि चीजों को अपने खाने में शामिल करें। इससे आपका कलेस्ट्रॉल कम होगा।

19. सूर्यमुखी
सूर्यमुखी (सूरजमुखी) के तेल और बीज में अनसैचुरेटेड पॉली फैटी एसिड पाया जाता है जो कि कलेस्ट्रॉल को नियंत्रित करने में काफी लाभकारी है।

20. डेयरी उत्पाद
दूध, दही, छांछ आदि को अपनी डायट में शामिल करें। फैट-फ्री डेयरी प्रॉडक्ट्स का इस्तेमाल करें।

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