कृषि कानूनों के खिलाफ आज किसान संगठनों का रेल रोको आंदोलन

केंद्रीय कृषि कानूनों के खिलाफ किसान संगठनों(Farmers Association) ने गुरुवार दोपहर बारह बजे से चार बजे तक रेल रोको अभियान का एलान किया है। हालांकि किसान संगठनों में इसको लेकर मतभेद सामने आए हैं और सांकेतिक रूप से ट्रेन रोकने की बात कही जा रही है। इसके बावजूद पुलिस-प्रशासन व रेलवे ने व्यापक तैयारियां की हैं। सिंघु, टीकरी और अन्य उन जगहों पर सुरक्षा बढ़ा दी गई है, जहां प्रदर्शनकारी बैठे हुए हैं।
भारतीय किसान यूनियन(BKU) के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत ने कहा कि स्थानीय लोग ही अपने-अपने क्षेत्रों में ट्रेन रोकेंगे। सांकेतिक रूप से ही ट्रेनें रोकी जाएंगी। इस दौरान इंजन पर फूलमाला चढ़ाने के साथ चालक को फूल दिया जाएगा और यात्रियों को जलपान कराया जाएगा। उन्होंने कहा कि ट्रेन रोको कार्यक्रम का उद्देश्य बंद ट्रेनों को शुरू करवाना है। यूपी गेट स्थित धरनास्थल से कोई भी व्यक्ति इस कार्यक्रम में शामिल नहीं होगा। वहीं, एनएचएआइ के नोटिस के संबंध में कहा कि उन्होंने हाईवे की केवल दो लेन घेरी हैं, बाकी खुली हैं। यदि एनएचएआइ ने ज्यादा हरकत की तो वह देश के सभी टोल फ्री करा देंगे। टिकैत ने यह भी कहा कि विधानसभा चुनाव से पहले वह बंगाल जाएंगे और वहां के किसानों की समस्या सुनकर केंद्र व राज्य सरकार से जवाब मांगेंगे।

किसान नेता पन्नू ने उगली आग, कहा-पत्नी, बच्चों को लेकर रेल रोकने जाएं(Farmers Protest)

वहीं, किसान मजदूर संघर्ष कमेटी (पंजाब) ने पंजाब में 32 जगह ट्रेन रोकने का एलान किया है। सिंघु बार्डर पर कमेटी के अध्यक्ष सतनाम सिंह पन्नू ने मंच से संबोधित करते हुए प्रदर्शनकारियों को कहा, '32 जत्थेबंदियां पंजाब में 32 जगह रेल रोकेंगी। गांवों में भी फोन कर दो कि लोग पत्नी, बच्चों को साथ लेकर ज्यादा से ज्यादा संख्या में रेल रोकने को पहुंचे। जो भी स्टेशन उनके पास पड़ता है, वह वहां जरूर जाएं।' पन्नू ने कहा कि आने वाले दिनों में आंदोलन तेज किया जाएगा। 25 फरवरी को तरनतारन में रैली होगी। इसके बाद कपूरथला, जालंधर, मोघा आदि स्थानों पर रैली निकाली जाएगी।

रेलवे ने की तैयारी, आरपीएसएफ की 20 अतिरिक्त कंपनियां तैनात(Farmers Protest)
किसानों के ऐलान के मद्देनजर रेलवे ने भी खास तैयारियां की है। देशभर में रेलवे प्रोटेक्शन स्पेशल फोर्स की 20 अतिरिक्त कंपनियां यानी करीब 20 हजार जवान तैनात किए गए हैं। मुख्य फोकस पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश और पश्चिम बंगाल पर रखा गया है। रेलवे प्रोटेक्शन फोर्स के डायरेक्टर जनरल अरुण कुमार ने पीटीआई से बातचीत में कहा, 'हम चाहते हैं कि किसान यात्रियों के लिए असुविधा पैदा न करें। हम चाहते हैं कि वे 4 घंटे शांति से बीत जाएं।'
'चक्का जाम' की तरह इस बार कुछ राज्यों को नहीं रहेगी छूट
किसान संगठनों का कहना है कि उन्हें 'रेल रोको आंदोलन' के लिए मजबूर होना पड़ा है जिसका मकसद सरकार पर कृषि कानूनों को वापस लेने के लिए दबाव बनाना है। पंजाब के कीर्ति किसान यूनियन के प्रेस सचिव जितेंदर सिंह शीना ने हमारे सहयोगी टाइम्‍स ऑफ इंडिया को बताया कि 'हम सभी रेलवे लाइनें ब्‍लॉक करेंगे, दिल्‍ली आने वाली भी।' उन्‍होंने कहा कि यह सुनिश्चित किया जाएगा कि पूरा आंदोलन योजना के मुताबिक हो। शीना ने कहा कि 'रेल रोको आंदोलन' का मकसद सरकार पर किसान विरोधी कानूनों को वापस लेने के लिए दबाव बनाना है।

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