ऑस्ट्रेलिया में विवाद से Facebook ने लिया सबक? Facebook न्यूज़ इंडस्ट्री में करेगा 100 करोड़ डॉलर का निवेश,
ऑस्ट्रेलियाई सरकार के साथ चल रहे हाई-प्रोफाइल 'न्यूज़ ब्लैकआउट' विवाद के बाद Facebook Inc ने आज बुधवार को एक बड़ी घोषणा की है। कंपनी ने न्यूज़ इंडस्ट्री में अगले तीन वर्षों में कम से कम 1 बिलियन डॉलर निवेश करने का वादा किया है। ऐसा तब किया गया जब ऑस्ट्रेलियाई सरकार ने फेसबुक पर शेयर की जाने वाली समाचार सामाग्री के लिए न्यूज़ आउटलेट्स को भुगतान करने की बात कही थी।
बता दें कि, सप्ताह भर से चल रहे ब्लैकआउट को विराम देते हुए फेसबुक ने बीते मंगलवार को ऑस्ट्रेलियाई न्यूज़ पेजों को फिर से रिस्टोर कर दिया था। इससे पहले फेसबुक ने न्यूज़ कंटेंट देने वाले संस्थानों के फेसबुक पेजों को ब्लॉक किया था। गौरतलब हो कि, पिछले साल Google ने भी न्यूज इंडस्ट्री में 1 बिलियन डॉलर का निवेश किया था।
फेसबुक ने जब ऑस्ट्रेलियाई न्यूज़ पेजों को ब्लॉक किया उसके बाद से न्यूज़ इंडस्ट्री को करारा झटका लगा था। जिसके बाद फेसबुक और आस्ट्रेलियाई सरकार के बीच विवाद ने नया रूप ले लिया। इस मामले में फेसबुक ने एक ब्लॉग में कहा कि, न्यूज़ पेजों को ब्लॉक किया जाना कंपनी और न्यूज़ पब्लिशर्स के बीच संबंधों की "मूलभूत गलतफहमी" का नतीजा था।
कंपनी ने यह भी स्वीकार किया कि जब न्यूज़ कंटेंट पर प्रतिबंध लगाया गया उस दौरान कुछ गैर-समाचार सामग्री भी अनजाने में ब्लॉक हो गई थीं। फेसबुक ने आज कहा कि कंपनी ने 2018 से समाचार उद्योग में पहले ही 600 मिलियन डॉलर का निवेश किया है। सोशल मीडिया कंपनी ने कहा कि वह अपने समाचार सामग्री का भुगतान करने के लिए जर्मनी और फ्रांस में समाचार प्रकाशकों के साथ बातचीत कर रही है।
क्या है मामला: दरअसल, बीते गुरुवार को फेसबुक ने ऑस्ट्रेलिया में अपने प्लेटफॉर्म पर न्यूज़ कंटेंट (समाचार सामाग्री) को साझा करने पर रोक लगा दी थी। जिसके बाद फेसबुक और न्यूज़ पब्लिशर्स के बीच विवाद बढ़ गया था। वहीं आस्ट्रेलियाई सरकार ने भी फेसबुक के इस कदम की कड़ी निंदा की थी, यहां तक कि सरकार ने इस फैसले को एक संप्रभु देश पर हमला तक करार दिया।
क्यों हुआ विवाद: ऑस्ट्रेलिया की संसद के निचले सदन में मीडिया बारगेनिंग कोड (MBC) नाम से एक बिल पास किया गया है। इस बिल के मुताबिक न्यूज़ कंटेंट के लिए फेसबुक और अल्फाबेट जैसी दिग्गज कंपनियों को भुगतान करना होगा। इसी को लेकर फेसबुक और गूगल ने विरोध किया। यदि ये कानून लागू हो जाता है तो फेसबुक और गूगल जैसी कंपनियों को अपने प्लेटफॉर्म पर न्यूज़ कंटेट साझा करने के लिए पब्लिशर्स को तगड़ी रकम देनी होगी। वहीं फेसबुक को ये भी डर है कि यदि वो ऑस्ट्रेलिया में अपने घुटने टेक देता है तो अन्य देश भी इसी तरह की मांग कर सकते हैं।
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